
महेश सिन्हा


पटना : बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों तस्वीर साफ होने के बाद सभी दलों ने प्रचार पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया है। एनडीए ने तो अपनी ताकत भी झोंकनी शुरु कर दी है। जबकि महागठबंधन अभी साझा सभाओं की रणनीति ही बना रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर दिन 3-4 सभा कर रहे हैं। चुनाव प्रचार में भाजपा सबसे आगे है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को वैशाली के पातेपुर और गयाजी के गोह में चुनावी सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को समस्तीपुर और बेगूसराय में सभा करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शुक्रवार को बिहार मे दो चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। इसके पूर्व अमित शाह छपरा के तरैया में सभा कर चुके हैं।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश , दिल्ली समेत नौ राज्यों के मुख्यमंत्री भी एनडीए के पक्ष में बिहार में लगातार चुनावी सभा कर रहे हैं। उधर, महागठबंधन प्रचार में बहुत पीछे पड़ गया है। इसकी वजह महागठबंधन के सहयोगी दलों में सीटों को लेकर चली लंबी खींचतान रही।
कांग्रेस की अधिक सीटों की मांग और राजद नेता तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित करने से परहेज के कारण दोनो दलों में तल्खी भी बढ़ रही थी। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर कांग्रेस के वरीय पर्यवेक्षक और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल से दोनों दलों के तेवर नरम हुए।
अशोक गहलोत ने बुधवार को राबड़ी आवास मे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से बातचीत कर गठबंधन की गांठ को सुलझाया। बैठक में तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित करने पर भी सहमति बनी।
इसके बाद डैमेज कंट्रोल की प्रक्रिया शुरु हो गई। महागठबंधन ने शुक्रवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया। इसके साथ ही महागठबंधन के घटक दलों एकजुटता का राग अलापना भी शुरु कर दिया है।
अब चुनाव प्रचार भी शुरु होगा और राहुल गांधी,मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी के कार्यक्रम तय होंगे।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और न्यूजवाणी बिहार के संपादक हैं।


