
अपना वोट सोच-समझकर किसी इमानदार उम्मीदवार को दें


पटना : बिहार में एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बार-बार उठाए जा रहे सवाल पर एनडीए के कई नेताओं ने स्पष्ट किया है कि नीतीश कुमार ही उनके मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। केंद्रीय मंत्री व लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि बिहार के अगले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। उनके नेतृत्व में ही एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रही है।
केंद्रीय मंत्री और हम के संरक्षक जीतनराम मांझी ने भी कहा कि नीतीश कुमार ही एनडीए के सीएम फेस हैं। भाजपा सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने तो जोर देकर कहा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे। लेकिन भाजपा नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह ने यह कहकर सियासी माहौल गर्मा दिया है कि अगर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो ज्यादा दिनों तक कुर्सी पर नहीं टिकेंगे। उन्होंने भाजपा नेताओं की उम्मीदवारी पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं।
आरके सिंह ने पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करते हुए बिहार के मतदाताओं से सोच समझकर फैसला लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि अभी चुनाव का समय है, मैं आपसे बता चुका हूं कि बिहार के भविष्य के लिए यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण है। यह निवेदन कर चुका हूं कि आपके सामने जो भी उम्मीदवार है उसमें जो सबसे ईमानदार है उनको वोट दें।
यदि सभी उम्मीदवार भ्रष्ट हैं, चरित्रहीन हैं, क्रिमिनल है तो आप अपना वोट नोटा को दे दें। आरके सिंह ने तेजस्वी यादव, सम्राट चौधरी, नित्यानंद राय, दिलीप जायसवाल और प्रशांत किशोर पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया है। वो मैट्रिक पास भी नहीं है। ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है।
ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है तो वो प्रांत को कैसे नेतृत्व करेंगे? एक यह प्रश्न उठता है क्योंकि प्रांत को चलाने के लिए पढ़ा लिखा होना जरूरी है। इनके ऊपर भ्रष्टाचार के मुकदमे चल रहे हैं। मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री के पद पर तेजस्वी यादव सक्षम और उपयुक्त नहीं होंगे। अब दूसरे नीतीश जी है, भाजपा कहती है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ रहे हैं। नीतीश जी ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
यदि मुख्यमंत्री बने तो ज्यादा दिन तक मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। भाजपा नेता को ही बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को भाजपा मुख्यमंत्री बना सकती है। लेकिन प्रशांत किशोर ने उनके बारे में कह चुके हैं कि वो हत्या के आरोपी रहे हैं वो दसवीं पास भी नहीं है। वो भी मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त नहीं होंगे। अब बात नित्यानंद की करते हैं तो उन पर भी हत्या के दो-दो मुकदमे और अपहरण के भी मुकदमें रहे हैं। वो भी उपयुक्त नहीं है वो भी आपराधिक पृष्ठभूमि के हो गये।
तीसरे हैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल इन पर भी हत्या का आरोप रहा है और मेडिकल कॉलेज छीनने का आरोप लगा है। राजद के उम्मीदवार पर कम से कम हत्या का आरोप नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार का आरोप है। जनता के सामने यह प्रश्न है और जनता को यह प्रश्न करना चाहिए क्यों कि मुख्यमंत्री ही तय करता है कि सरकार कैसे चलेगा?
उन्होंने मतदाताओं से कहा कि समझ बूझकर ही बिहार का मुख्यमंत्री चुनना होगा क्योंकि यह बिहार के भविष्य का सवाल है। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर तो बात सही बोलते हैं, लेकिन ये पार्टी नई है, इनको हमलोगों ने काम करते देखा नहीं है। हमको इस चुनाव में विडंबना लग रही है। इसलिए हम बिहार की जनता से यही अपील करते हैं कि आप जो भी फैसला लें सोच समझकर लें क्योंकि यह बिहार के भविष्य का सवाल है।


